द्वन्द्व-मोह-निर्मुक्ताः |
द्वन्द्वमोहनिर्मुक्ता |
द्वन्द्व-मोह-निर्मुक्त{पुं}{1;बहु}/निर्मुक्त{पुं}{8;बहु}/निर्मुक्ता{स्त्री}{1;बहु}/निर्मुक्ता{स्त्री}{2;बहु}/निर्मुक्ता{स्त्री}{8;बहु} |
द्वन्द्व-मोह-निर्_मुच्{कृत्_प्रत्ययः:क्त;निर्_मुचॢँ;तुदादिः;पुं}{1;बहु} |
<<द्वन्द्व-मोह>Km-निर्मुक्ताः>T3 |
द्वन्द्वनिमित्तः मोहः = द्वन्द्वमोहः, द्वन्द्वमोहेन निर्मुक्तः = द्वन्द्वमोहनिर्मुक्तः ते द्वन्द्वमोहनिर्मुक्ताः |
विशेषणम् 10 |
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राग-द्वेषजनित_द्वन्द्वरूप_मोह_से_मुक्त |
free_from_dual_delusion |
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रुत्व-यत्व-लोप-सन्धिः (ससजुषो रुः (8।2।66)-भोभगोअघो अपूर्वस्य योऽशि (8।3।17)-हलि सर्वेषाम् (8।3।22)) |
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