सु-कृतिनः |
सुकृतिनोऽर्जुन |
सु-{अव्य}-कृतिन्{पुं}{1;बहु}/कृतिन्{पुं}{2;बहु}/कृतिन्{पुं}{5;एक}/कृतिन्{पुं}{6;एक}/कृतिन्{पुं}{8;बहु} |
सुकृतिन्{पुं}{1;बहु} |
<सु-कृतिनः>Bs6 |
सुन्दरा कृती यस्य = सुकृती ते सुकृतिनः |
विशेषणम् 4 |
- |
उत्तम_कर्म_करनेवाले |
those_who_are_pious |
- |
रुत्व-उत्व-गुण-पूर्वरुप-सन्धिः (ससजुषो रुः (8।2।66)-अतो रोरप्लुतादप्लुते (6।1।113)-आद्गुणः (6।1।87)-एङः पदान्तादति (6।1।109)) |
LLLGLL |