| भाव-संशुद्धिः |
| भावसंशुद्धिरित्येतत्तपो |
| भाव-संशुद्धि{स्त्री}{1;एक} |
| संशुद्धि{स्त्री}{1;एक} |
| <भाव-संशुद्धिः>T7 |
| भावे संशुद्धिः = भावसंशुद्धिः |
| समुच्चितम् 6 |
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| अन्तःकरण_के_भावों_की_भलीभाँति_पवित्रता |
| purificatory_by_nature |
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| रेफ-सन्धिः (ससजुषो रुः (8।2।66)) / यण्-सन्धिः (इको यणचि (6।1।77)) / चर्त्व-सन्धिः (खरि च (8।4।55)) / रुत्व-उत्व-गुण-सन्धिः (ससजुषो रुः (8।2।66)-हशि च (6।1।114)-आद्गुणः (6।1।87)) |
| GLGGLGGGLG |